हर हर महादेव! प्रिय पाठकों,
कैसे है आप लोग, हम आशा करते हैं कि,
आप सभी सकुशल होंगें।
निर्णायक वर्ष 2025/क्या होगा 2025 मे
आज की इस पोस्ट में हम कलयुग से संबंधित हर प्रश्न के बारे मे जानेंगे। जो लोग कलयुग की जानकारियां प्राप्त करना चाहते है, उनके लिए यह पोस्ट अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसके अलावा इस पोस्ट मे एक ऐसे संत के बारे मे जानेंगे जो त्रिकाल दर्शी थे। जो भूत भविष्य वर्तमान तीनों देख सकते थे।
मित्रों अच्युतानंद दास जी का नाम तो आपने सुना ही होगा ये एक ऐसे संत थे जिन्होंने 650 साल पहले ही बता दिया था की-
कल्कि अवतार कब होगा?
दुनिया का अंत कैसे होगा?
भारत का अंतिम राजा कैसा होगा?
चीन अमेरिका भारत की स्थिति कैसी होगी और तीसरा विश्व युद्ध कैसे लड़ा जाएगा?
संसार में कितने लोगों की मृत्यु हो जाएगी और दोबारा संसार में कैसे निर्माण होगा और वह निर्माण कौन करेगा?
सूर्य की स्थिति कैसी होगी?
मारामारीयों की स्थिति कैसी होगी?
दोस्तो! आपको क्या लगता है 2025 मे सबकुछ खत्म हो जाएगा, अपनी राय अवश्य प्रकट करें।
मित्रों!वैसे तो विज्ञान के इस आधुनिक युग मे भविष्यवाणियों के लिए कोई जगह नही होती और न हम आपसे ये कह रहे है कि इस पोस्ट में जिन भविष्यवाणियों का जिक्र किया गया है वो सही है या नही। सत्य होंगी या नही।
लेकिन चूँकि 650 साल पहले ये बातेँ लिख दी गई है,इसलिए हमें और आपको मिलकर देखना है कि इसमे कितनी सच्चाई है। इसलिए इन बातों को जानना आपके लिए भी बहुत जरूरी है।
मित्रों सभी प्रश्नों के उत्तर जानने से पहले हम आपको अच्युतानंद दास जी के बारे में थोड़ा सा बताना चाहेंगे क्योंकि हमारी आज की पोस्ट का पूरा आधार इन्हीं की भविष्यवाणीयों से जुड़ा है। इसलिए सबसे पहले जानते हैं कि अच्युतानंद दास कौन है?
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अच्युतानंद दास कौन है?
आप लोगों ने नास्त्रेदमस और बाबा शेंगा की बहुत सारी भविष्यवाणियां सुनी होंगी लेकिन आज आप हिंदुस्तान के एक ऐसे संत की भविष्यवाणी सुनिए जिन्होंने 650 साल पहले ही 2021 से 2030 के बीच में क्या होगा यह लिख दिया था और आज वर्तमान मे उनके द्वारा की गई भविष्यवाणीयां सही साबित होती दिखाई दे रही है।
महापुरुष अच्युतानंद दास भारत के ओडिशा के 16वीं सदी के कवि द्रष्टा और वैष्णव संत थे। उन्हें गोपाल गुरु के नाम से भी जाना जाता था।
अच्युतानंद का जन्म तिलकाना नाम के एक गांव में हुआ था। उनका जन्म 1480 और 1505 के बीच मे हुआ था उनकी मां पद्मावती थी, और उनके पिता का नाम दीनबंधु खुंटिया था।
उनका जन्म उनकी माँ द्वारा जगन्नाथ मंदिर के सामने स्तंभ पर प्रार्थना करने के बाद हुआ था। यानी जब उनकी माँ जगन्नाथ मंदिर मे पूजा कर रहीं थीं, तब अच्युतानंद दास जी का जन्म हुआ।
उनके जन्म से पहले उनके पिता को एक सपना भी आया था कि एक दिव्य पक्षी गरुड उसके लिए एक बच्चा लाया। और अगले दिन जगन्नाथ मंदिर मे उनका जन्म हुआ। इसलिए ऐसी कई पौराणिक कथाएं हैं जिनमें उन्हें गरुड़ का अवतार कहा गया है।
महापुरुष अच्युतानंद दास जी की रचनाएं
मित्रों! महापुरुष अच्युतानन्द ने कई रचनाएं लिखी। उनकी रचनाएं उड़िया भाषा मे ही लिखी हुई है। जिनमे कुछ महत्वपूर्ण रचनाएं है- 36 संहिता, 78 गीता, 27 हरिवंशादि चरित, 12 उपवंश चरित, 100 पुराण या मालिका की रचना की। इनके अतिरिक्त उन्होने अनेक भजन चौपाई भी लिखे हैं।
महापुरुष अच्युतानंद दास जी की भविष्यवाणियां
दोस्तो! महापुरुष अच्युतानंद दास जी ने जो भविष्यवाणियां की है वो इस प्रकार है -
1. किसान खेती का काम बंद कर देंगे यानी किसान खुद खेती करने के बजाय मशीनों पर निर्भर हो जाएंगे या किसी अन्य व्यक्ति को खेती का काम सौप कर खुद शहरों मे काम करने के लिए चले जाएंगे और जंगली जानवर गांव और शहरो पर हमला करना शुरू कर देंगे।
2. धरती की धुरी बदल जाएगी और जिसके बाद कई भूकंप आएंगे।
3. आसमान में दो सूर्य निकलने का आभास होगा। लेकिन वास्तव मे वो एक आसमानी पिंड होगा, जो बंगाल की खाड़ी में गिरेगा और ओडिशा जलमग्न हो जाएगा।
4. समुद्र का जलस्तर बढ़ जाएगा और जगन्नाथ मंदिर की 22 वीं सीढी तक पानी आ जाएगा। तब भगवान के विग्रह को उनके भक्त छातियाबटा ले जाएंगे। छातियाबटा एक जगह का नाम है।
5. धरती पर हो रहीं प्राकृतिक आपदाओं के कारण धरती पर 7 दिनों तक अंधेरा रहेगा। कहा जा रहा है कि यह घटना 2022 से 2029 के बीच होगी।
6. एक ओर प्राकृतिक आपदाएं होंगी तो दूसरी ओर महायुद्ध होगा । तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर हो जाएगी।
7. तीसरा विश्वयुद्ध 6 साल 6 महीने तक चलेगा। जिसमें चीन 13 मुस्लिम देशों के साथ मिलकर भारत पर हमला कर देगा। आखिरी के 13 महीनें भारत युद्ध में शामिल होगा और यह भारत की लड़ाई होगी। भारत की इसमें विजय होगी। भारत सदा के लिए अपने दुश्मनों को न सिर्फ खत्म कर देगा बल्कि विश्व गुरु भी बन जाएगा।
8. भारत का आखिरी राजा एक शक्तिशाली हिन्दू राजा होगा, जो योगी पुरुष होगा और जिसकी कोई संतान नहीं होगी। उसमें विश्व का नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता होगी और वह धर्म के सहारे शांति स्थापित कर पाएगा।
9. उस वक्त ओडिशा का अंतिम राजा गजपति महाराज होगा। इसी दौरान भगवान कल्कि प्रकट होंगे, जो युद्ध में भारत का साथ देंगे।
10) अमेरिका का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा। चीन के कई टुकड़े हो जाएंगे। पाकिस्तान का नामोनिशान ही मिट जाएगा। पाकिस्तान के साथ मिलकर लड़ने वाली शक्ति कमजोर और दयनीय हो जाएगी। रूस एक हिन्दू देश बन जाएगा यूरोप युद्ध लड़ने लायक नहीं रहेगा। वहां की जनसंख्या न के बराबर होगी।
मित्रों अब यहा उनकी भविष्यवाणियों पर हम थोड़ा सा सोचने पर मजबूर है क्योंकि 650 साल पहले तो पाकिस्तान का नामों निशान भी नही था। फिर अच्युतानंद दास जी को पाकिस्तान के बारे में कैसे पता था। इसलिए इनकी बातों में कुछ तो सच्चाई है।
11. युरोप की लगभग सभी आबादी नष्ट हो जाएगी। अंत में रूस सफलता प्राप्त करेगा। विजयी रूस को आगामी अवतार वश में करेगा।
12. लोग कीट-पतंगों की तरह मरेंगे और विश्व की जनसंख्या 64 करोड़ ही रह जाएगी। चीन तबाह हो जाएगा। रूस हिन्दू राष्ट्र बन जाएगा।
13) भविष्य मालिका के अनुसार 2025 के बाद का समय एक विभिषिका ( डर) के समान होगा। वहीं लोग बचेंगे तो सत्य और धर्म के मार्ग पर चलेंगे।
14. भारत के संदर्भ में कन्नड़ में लिखी भविष्वाणी के अनुवाद में यह कहा जाता है। कि 6 और 7 का जोड़ 13 होता है और इसी में 13 और मिलाने से 26 अंक आता है। इसी 26 अंक के माध्यम से अच्युतानंद दास ने भारत पर होने वाले हमले के बारे में भविष्वाणी की है।
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शनि जब मीन राशि में प्रवेश करेंगे तब भारत पर संकट के बादल छाएंगे। साल 2024 में शनि कुंभ से निकलकर मीन राशि में जाने वाले हैं।
15. शनि के मीन में जाने से वह वहां ढाई वर्ष तक रहेगा। भविष्यवाणी के अनुसार एक संत के हाथों में देश की बागडोर होगी जो अविवाहित होगा।
16. जगन्नाथपुरी को जोड़ने वाले एक राष्ट्रीय मार्ग का निर्माण होगा। ओड़ीसा का अंतिम राजा एक बालक वृद्ध होगा। यानी बालबुद्धि होगा। भगवान जगन्नाथ के धाम पुरी मंदिर के उपर से पत्थर नीचे गिरेंगे और मंदिर का ध्वज कई बार गिरेगा। इस दौरान प्राकृतिक आपदा के चलते भारतवर्ष में नीलंचल (जगन्नाथपुरी) समुद्र के गर्भ में विलीन हो जाएगा।
यह भविष्यवाणी भी आज वर्तमान मे सही होती दिख रही है क्योंकि जगन्नाथ पुरी को जोड़ने वाले एक राष्ट्रीय मार्ग का निर्माण लगभग चल ही रहा है और इसके अतिरिक्त मंदिर के ऊपर से पत्थर भी कई बार गिर चुकें और ध्वज भी कई बार गिर चुका है।
17. बुजुर्गों और शिक्षकों को निरादर होगा वहीं पाखंडी लोग धर्मगुरु बनकर लोगों को छलेंगे। भविष्य में लोगों के मन में धर्म, संवेनदनशीलता, प्रेम और संस्कार खत्म हो जाएंगे। नेक और धार्मिक भक्तों का मजाक उड़ाया जाएगा।
18. धीरे-धीरे आस्तिकों (पूजा पाठ करने वाले लोगों)की संख्या घटेगी और यह दुनिया आस्तिकों और -नास्तिकों(पूजा पाठ न करने वाले लोगों) के बीच विभाजित हो जाएगी। इंसान व्यभिचारी हो जाएंगे। पुरुष का पुरुष से और महिला का महिला से अप्राकृतिक संबंध बनेगा।
मित्रो! ये सब भी हम आज वर्तमान मे होते हुए देख रहें हैं , शायद आप भी इस बात से भलीभांति परिचित हो।
19. इंसान के घर पर जानवरों का हमला होगा। आए दिन इंसान और जानवरों में भिड़ंत होते हुए देखेंगे। शहरों में जंगली जानवर घूमते रहेंगे।
दोस्तो, ऐसा भी आजकल देखा जा रहा है कि आयदिन किसी के घर तेंदुआ घुस गया ,तो किसी के घर बंदर, शेर आदि। इंसान और जानवरों मे लड़ाई होते हुए भी कई बार देखा गया है।
20. प्राकृति आपदाएं तबाही मचाएगी, विचित्र महामारी और बीमारियों से जनता त्रस्त रहेगी।यानी परेशान रहेगी। हवाएं लोगों को बहुत परेशान करेगी...... महंगाई इतनी बढ़ जाएगी कि जनता सड़क पर आंदोलन करने लगेगी।
प्राकृतिक आपदाएं तो आप जानते ही मित्रों की क्या होती है। बाढ़, आँधी, तूफान, सुनामी,सूखा पड़ जाना आदि को प्राकृतिक आपदाएं कहते हैं और विचित्र महामारी ऐसी बीमारी होती है कि जिसके बारे मे पता ही न हो कि ये कैसे हुई, कहां से आयी और एक दूसरे मे फैलती जाती है जैसे इस महामारी को हम कोरोना कह सकते है क्योंकि ये बीमारी एक महामारी की तरह पूरे विश्व मे फैल गई थी और आज भी इससे पूरी तरह सुरक्षित नही है।
21 कलयुग के अंत के समय जीवन देने वाला सूर्य जीवन लेने वाला बन जाएगा। महागुप्त पद्मकल्प के अनुसार भगवान जगन्नाथ अपने हाथ में 12 हाथ की खड़ग लेकर पूरी धरती पर भ्रमण करके समस्त मलेच्छ लोगों को संहार करेंगे। जब सभी का संहार हो जाएगा तभी कलियुग का अंत हो जाएगा।
भगवान कल्कि का जन्म संभल ग्राम में होगा। संभल ग्राम उत्तर प्रदेश में भी है और उड़िसा में भी है। अब दोनों मे से किस जगह होगा ये तो भविष्य मे ही पता चलेगा। कल्कि भगवान का नाम चक्रमणी या चक्रधर होगा। उनके पिता का नाम विष्णुशर्मा होगा।
22. महाभारत के युद्ध को लेकर भी उनकी भविष्वाणी वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि महाभारत के युद्ध के समय कई लोग किसी कारणवश इस युद्ध में भाग नहीं ले पाए थे। लेकिन वे सभी योद्धा युद्ध लड़ना चाहते है और अब उनकी यह इच्छा कलयुग के अंत में पुरी होगी जब कल्कि अवतार का जन्म होगा।
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भगवान बलराम भी युद्ध में भाग नहीं ले पाए थे। बलरामजी को ही जगन्नाथपुरी में बलबद्र के नाम से जाना जाता है। कलयुग के अंत में बलरामजी भी प्रकट होंगे और कलयुग के अंत में महाभारत का अधुरा युद्ध फिर से लड़ा जाएगा।
तो मित्रों ये कुछ भविष्यवाणियां थी जो महापुरुष अच्युतानंद दास जी ने अपने ग्रंथ भविष्य मालिका मे लिखी थी। जो कि काफी हदतक सही होती दिखाई दे रही है। आपकी क्या राय है अवश्य बताये।
विश्वज्ञान मे अगली पोस्ट के साथ फिर से मुलाकात होगी। तब तक के लिए आप हंसते रहें, मुस्कराते रहें और प्रभु का स्मरण करते रहें।
धन्यवाद
हर हर महादेव
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