दिवाली पर क्या करने से भाग्योदय होगा

हर हर महादेव प्रिय पाठकों, कैसे हैं आप लोग, हम आशा करते हैं कि आप ठीक होंगे।आज की इस पोस्ट मे हम जानेंगे कि दिवाली पर क्या करने से भाग्योदय होगा?

दिवाली पर क्या करने से भाग्योदय होगा?


दिवाली पर क्या करने से भाग्योदय होगा
 दिवाली पर क्या करने से भाग्योदय होगा?


प्रिय पाठकों, दिवाली का पर्व धन, समृद्धि, और खुशहाली का प्रतीक है। इस दिन कुछ विशेष उपाय कर हम अपनी किस्मत को और उज्जवल बना सकते हैं। आइए, सरल भाषा में समझते हैं कि इस दिवाली पर क्या करने से भाग्योदय होगा।

घर की सफाई और सकारात्मक ऊर्जा

दिवाली से पहले घर की अच्छी तरह से सफाई करना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि स्वच्छता से देवी लक्ष्मी का वास होता है। साफ-सुथरा घर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और भाग्य को मजबूत करता है। घर में हर कोने की सफाई करें और टूटे-फूटे सामान को बाहर निकालें। इससे नया और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।

दीप जलाकर अंधकार दूर करें

दिवाली की रात को घर के मुख्य दरवाजे और अन्य जगहों पर दीप जलाने से घर में प्रकाश और सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह अंधकार को दूर करता है और हमारे जीवन में प्रकाश फैलाता है। शाम को घर के हर कोने में दीये जलाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी और सुख समृद्धि व माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

श्रीसूक्त और लक्ष्मी पूजन

दिवाली पर लक्ष्मी माता का पूजन विशेष लाभदायक होता है। श्रीसूक्त का पाठ करें और मां लक्ष्मी से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन में धन, सुख और शांति लाएं। लक्ष्मी पूजन में श्रीसूक्त का पाठ करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में बरकत बनी रहती है।

गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें

दिवाली पर किसी गरीब या जरूरतमंद की मदद करना बहुत शुभ माना जाता है। यह हमारी किस्मत को बदलने का एक अच्छा तरीका है, क्योंकि जब हम दूसरों का भला करते हैं, तो उससे हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और उनकी दुआएँ मिलती है। जो भाग्योदय मे सहायक होती हैं, इसलिए मनुष्य को चाहिए कि दिवाली के दिन किसी गरीब को भोजन, कपड़े या जरूरत का सामान दें। ऐसा करने से उनके आशीर्वाद से आपके भाग्य में सुधार होगा।

मिष्ठान और प्रसाद का बांटना 

दिवाली पर मिष्ठान और प्रसाद बांटने से सकारात्मकता बढ़ती है। यह आपके घर की खुशियों और समृद्धि को बढ़ाता है। इसलिए दिवाली के दिन घर में बनी मिठाइयों को पड़ोसियों और दोस्तों में बांटें। इससे शुभता और भाईचारा बढ़ता है।

दक्षिणावर्ती शंख का पूजन करें

दक्षिणावर्ती शंख को बहुत शुभ माना जाता है और इसे मां लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है। दिवाली की रात इसका पूजन करने से धन में वृद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए लक्ष्मी पूजन के समय दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर मां लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें और फिर इस जल को पूरे घर में छिड़कें। यह आपके घर को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करेगा।

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कुबेर यंत्र की स्थापना

कुबेर यंत्र धन के देवता कुबेर का प्रतीक है। इसे घर में स्थापित करने से धन का संचार होता है और आर्थिक समृद्धि बढ़ती है। किसी शुद्ध स्थान पर कुबेर यंत्र की स्थापना करें और प्रतिदिन इसमे जल और फूल चढ़ाएं।

गाय को मीठी रोटी खिलाएं

गाय को मीठी रोटी खिलाना शुभ माना जाता है। इससे आपके जीवन में खुशियों का संचार होता है और धन में वृद्धि होती है। इसलिए दिवाली के दिन गाय को गुड़ लगी रोटी खिलाएं। इससे आपके जीवन में खुशहाली और शांति आएगी।

महालक्ष्मी के चरणों में कमल का फूल अर्पित करें

कमल का फूल लक्ष्मी मां का प्रिय है। दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन के समय कमल का फूल अर्पित करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए लक्ष्मी पूजन के समय कमल का फूल लक्ष्मी जी के चरणों में रखें। इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर आपके घर में स्थायी निवास करती हैं।

घर के दरवाजे पर हल्दी और कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं

स्वस्तिक का चिन्ह सकारात्मकता और शुभता का प्रतीक है। घर के मुख्य दरवाजे पर हल्दी और कुमकुम से स्वस्तिक बनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। इसलिए दिवाली के दिन मुख्य दरवाजे के दोनों ओर हल्दी और कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं, इससे देवी लक्ष्मी का आसानी से घर मे प्रवेश होता है।

आंवले का सेवन और दान

आंवला आयुर्वेद में स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। दिवाली के दिन आंवला खाना और दान करना आपके स्वास्थ्य और सौभाग्य में वृद्धि करता है। इसलिए दिवाली के दिन आंवले का सेवन करें और किसी गरीब को आंवला दान करें। इससे आपके जीवन में संतुलन और सकारात्मकता आएगी।

इन सभी उपायों को दिवाली पर अपनाकर आप अपने जीवन में खुशियों और समृद्धि को ला सकते हैं। यह सभी उपाय न केवल धार्मिक मान्यता रखते हैं, बल्कि आपके मन को भी शांत और सकारात्मक बनाए रखने में सहायक होते हैं।

इन सरल उपायों से आप इस दिवाली पर अपने भाग्य को मजबूत कर सकते हैं और खुशहाल जीवन का आनंद ले सकते हैं।

क्या पूजा करते समय आंसू निकलने लगते है,तो आप भाग्यशाली है 

तो प्रिय पाठकों, आशा करते हैं कि आपको पोस्ट पसंद आई होगी। ऐसी ही रोचक जानकारियों के साथ विश्वज्ञान मे फिर से मुलाकात होगी, तब तक के लिए आप अपना ख्याल रखें, हंसते रहिए,मुस्कराते रहिए और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहिए। 

धन्यवाद, हर हर महादेव

FAQS 

दीपावली पर कितने दीये जलाएं?

दीपावली पर दीयों की संख्या को शुभता से जोड़ा जाता है। मान्यता के अनुसार घर के मुख्य दरवाजे पर पांच दीये और घर के हर कमरे के कोनों में एक-एक दीया जलाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, 11, 21, या 51 दीये जलाना भी शुभ माना जाता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहे।

दीपावली के दिन कौन सा पाठ करना चाहिए?

दीपावली पर लक्ष्मी माता का विशेष पूजन किया जाता है। इस दिन लक्ष्मी चालीसा, श्रीसूक्त, लक्ष्मी स्तोत्र, और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। इसके अलावा, गणेशजी की पूजा भी करनी चाहिए क्योंकि वह रिद्धि-सिद्धि के दाता माने जाते हैं।

2024 में लक्ष्मी पूजा का समय क्या है?

लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त हर वर्ष पंचांग के अनुसार तय होता है। 2024 में दीपावली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर को रात 7:40 से 9:30 बजे तक है।

घर पर रोजाना लक्ष्मी पूजा कैसे करें? 

घर पर रोजाना लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे पहले स्वच्छता रखें। पूजास्थल में दीपक जलाएं, लक्ष्मी माता की मूर्ति या तस्वीर के सामने केसर या हल्दी से तिलक करें। धूप-दीप, पुष्प, और चावल अर्पित करें। फिर ॐ महालक्ष्म्यै नमः मंत्र का जप करें। संक्षिप्त लक्ष्मी चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।

दीपावली की रात छिपकली देखने से क्या होता है?

मान्यताओं के अनुसार दीपावली की रात छिपकली देखना शुभ संकेत माना जाता है। इसे धन और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, और ऐसा विश्वास है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का वास होता है

दिवाली के लिए सबसे अच्छी बोली कौन सी है?

दिवाली पर शुभकामनाएं देने के लिए प्रचलित बोलियाँ होती हैं जैसे शुभ दीपावली या दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। संस्कृत में दीपोत्सवस्य शुभकामना भी बोला जाता है जिसका अर्थ है दीपों के पर्व की शुभकामनाएं।

लक्ष्मी पूजा के बाद क्या करना चाहिए?

लक्ष्मी पूजा के बाद घर में दीप जलाए रखें और कुछ देर पूजा स्थल पर बैठकर लक्ष्मी माता का ध्यान करें। इसके बाद घर के सभी सदस्यों को प्रसाद बांटे। पूजा स्थल के पास रात भर एक दीया जले रहने दें, ऐसा करना शुभ माना जाता है।

दीपावली के दिन कौन से रंग के कपड़े पहनने चाहिए?

दीपावली पर पीले, लाल, केसरिया या हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है क्योंकि ये रंग समृद्धि और ऊर्जा के प्रतीक हैं। काले रंग के कपड़े पहनने से परहेज करना चाहिए।

दीपावली के दिन क्या खरीदना शुभ होता है? 

दीपावली पर सोना, चांदी, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स, नए कपड़े, या लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इन वस्तुओं को घर में लाने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

दिवाली पर पैसे देना चाहिए?

दिवाली पर अपने प्रियजनों को उपहार और पैसे देना शुभ माना जाता है। इसे सुख और समृद्धि का प्रतीक समझा जाता है और इसे रिश्तों में मिठास बनाए रखने का एक तरीका भी माना जाता है।

दीपावली में क्या नहीं खाना चाहिए?

दीपावली के दिन मांसाहारी भोजन और मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी का घर में वास नहीं माना जाता। इसके बजाय, सात्विक भोजन का सेवन करना अच्छा माना जाता है।

दीपावली के दिन कौन सा मंत्र सिद्ध करना चाहिए?

दीपावली पर ॐ महालक्ष्म्यै नमः या श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः मंत्र का जप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसे विधिपूर्वक करने से लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त होती है।

दीपावली के अगले दिन क्या नहीं करना चाहिए?

दीपावली के अगले दिन घर से गंदगी या कचरा बाहर निकालना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा माना जाता है कि दीपावली पर लक्ष्मी माता का घर में आगमन होता है, और अगले दिन घर से कचरा बाहर निकालना अशुभ हो सकता है। मान्यता के अनुसार, घर में एक दिन तक सफाई न करके लक्ष्मी माता का स्वागत और आभार प्रकट करना चाहिए,जिससे उनकी कृपा बनी रहे।

क्या हमें दीपावली के अगले दिन पढ़ना चाहिए?

दिवाली के अगले दिन को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है, तो इस दिन पढ़ाई से ब्रेक लेकर भगवान गोवर्धन और श्रीकृष्ण की पूजा में भाग लेना अधिक शुभ माना जाता है।

दीपावली के दूसरे दिन क्या होता है?

दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा या अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा का स्मरण कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है, और अनेक प्रकार के व्यंजन बनाकर उन्हें अर्पित किया जाता है।

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