हर हर महादेव प्रिय पाठकों, कैसे हैं आप? आशा करते हैं कि आप ठीक होंगे। दोस्तों! आज की इस पोस्ट मे हम श्री कृष्ण की कुछ अनसुनी कहानियों के बारे मे जानेंगे।
श्री कृष्ण की कुछ अनसुनी कहानियाँ क्या हैं?
श्री कृष्ण की कुछ अनसुनी कहानियाँ क्या हैं? |
श्री कृष्ण के जीवन की अनेक कहानियाँ हमारे शास्त्रों में वर्णित हैं, जिनमें से कई कहानियाँ प्रसिद्ध हैं, जैसे माखन चोरी, गोवर्धन पर्वत उठाना, और कंस का वध। लेकिन उनके जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी कहानियाँ भी हैं, जो बहुत कम लोगों को पता हैं और जो हमें उनके व्यक्तित्व के अद्भुत पहलुओं से परिचित कराती हैं। आज हम उन्हीं कुछ अनसुनी कहानियों पर प्रकाश डालेंगे।
1. कृष्ण और सुदर्शन चक्र की उत्पत्ति
श्री कृष्ण का सुदर्शन चक्र उनके प्रमुख अस्त्रों में से एक है, लेकिन इसकी उत्पत्ति की एक दिलचस्प कहानी है। एक बार देवताओं और दैत्यों के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें भगवान विष्णु ने देवताओं की मदद करने का निश्चय किया। उन्होंने सुदर्शन चक्र प्राप्त करने के लिए तपस्या की, और तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें सुदर्शन चक्र भेंट किया। इसी चक्र से श्री कृष्ण ने कई युद्धों में विजय प्राप्त की, जिसमें महाभारत का युद्ध भी शामिल है।
2. संत विदुर का सम्मान
महाभारत के युद्ध के बाद, जब श्री कृष्ण हस्तिनापुर पहुंचे, तो कौरवों के महल में जाने के बजाय उन्होंने संत विदुर के घर पर रुकने का निश्चय किया। विदुर, जो धृतराष्ट्र के भाई थे, लेकिन दरबार में अधिक महत्व नहीं रखते थे, श्री कृष्ण के बहुत बड़े भक्त थे। जब श्री कृष्ण विदुर के घर पहुंचे, तो विदुर और उनकी पत्नी ने बहुत प्रेम और श्रद्धा से उनका स्वागत किया। यहाँ तक कि विदुर की पत्नी ने बिना देखे केले के छिलके श्री कृष्ण को खिला दिए, और श्री कृष्ण ने उसे भी प्रेमपूर्वक स्वीकार किया। यह घटना हमें सिखाती है कि श्री कृष्ण के लिए भक्ति और प्रेम ही सबसे महत्वपूर्ण थे, न कि धनी महल या शाही सम्मान।
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3. श्री कृष्ण और नारद मुनि की परीक्षा
नारद मुनि अक्सर श्री कृष्ण की भक्ति को परखने के लिए योजनाएँ बनाते थे। एक बार नारद मुनि ने सोचा कि वे कृष्ण की एक परीक्षा लेंगे और उन्हें भ्रमित करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने श्री कृष्ण के सामने कई मोहक दृश्य बनाए, लेकिन श्री कृष्ण उन सभी में स्थिर और शांत रहे। अंत में, नारद मुनि ने श्री कृष्ण से पूछा कि वे इन सभी मोहक दृश्यों में कैसे स्थिर रहे। श्री कृष्ण ने उत्तर दिया कि जो व्यक्ति सच्चे प्रेम और भक्ति से भगवान से जुड़ा होता है, वह किसी भी मोह या प्रलोभन से विचलित नहीं होता।
4. कृष्ण और युधिष्ठिर का सबक
महाभारत के युद्ध के बाद, युधिष्ठिर अपने भाइयों की मृत्यु और युद्ध में हुई हानि के कारण बहुत दुखी थे। वे इस बात से पीड़ित थे कि क्या उन्होंने सही किया। श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को एक अद्भुत शिक्षा दी। उन्होंने कहा, "धर्म का पालन करते हुए जो किया गया है, वह कभी भी पाप नहीं हो सकता। और जो व्यक्ति सही कर्म करता है, उसे फल की चिंता नहीं करनी चाहिए।" इस शिक्षा ने युधिष्ठिर को शांत किया और उन्हें उनके कर्तव्यों के प्रति दृढ़ बनाया।
5. मूषल युद्ध की भविष्यवाणी
यह एक कम प्रसिद्ध घटना है जो श्री कृष्ण के जीवन के अंतिम चरणों से जुड़ी है। महाभारत युद्ध के बाद, श्री कृष्ण को ज्ञात हुआ कि यदुवंश का विनाश निकट है। यह भविष्यवाणी ऋषियों ने की थी, लेकिन श्री कृष्ण ने इस घटना को रोकने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने यह जान लिया था कि यदुवंश का अंत होना तय है। अंततः, एक मूषल (लोहे की गदा) के कारण ही उनके वंश का विनाश हुआ। इस घटना ने हमें यह सिखाया कि संसार में कुछ घटनाएँ अपरिहार्य होती हैं, चाहे भगवान ही क्यों न हों, वे उन्हें रोक नहीं सकते।
6. कृष्ण और रुक्मिणी का प्रेम
रुक्मिणी, जो श्री कृष्ण की पत्नी थीं, उनके साथ एक अनोखी प्रेम कथा जुड़ी है। रुक्मिणी का विवाह शिशुपाल से तय हो गया था, लेकिन उन्होंने श्री कृष्ण को मन ही मन अपना पति मान लिया था। जब रुक्मिणी ने श्री कृष्ण को संदेश भेजा कि वे उन्हें शिशुपाल से बचाएं, तो श्री कृष्ण तुरंत रुक्मिणी को शिशुपाल से बचाने के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने रुक्मिणी का अपहरण किया और उसे अपना जीवनसंगिनी बनाया। यह कहानी हमें बताती है कि सच्चा प्रेम सभी बाधाओं को पार कर सकता है।
7. द्रौपदी की लाज बचाना
यह तो प्रसिद्ध है कि जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था, तब श्री कृष्ण ने चमत्कार करके उसकी लाज बचाई। लेकिन इसके पीछे की कहानी कम लोग जानते हैं। श्री कृष्ण और द्रौपदी के बीच एक गहरा आध्यात्मिक संबंध था। एक बार, द्रौपदी ने श्री कृष्ण की उंगली कटने पर उसे अपने साड़ी के पल्लू से बांध दिया था। श्री कृष्ण ने इसे एक महान उपकार माना और प्रतिज्ञा की थी कि वे हमेशा उसकी लाज बचाएंगे। जब द्रौपदी ने संकट के समय श्री कृष्ण को पुकारा, तो उन्होंने उसे कभी न समाप्त होने वाली साड़ी प्रदान कर दी।
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श्री कृष्ण के जीवन की ये अनसुनी कहानियाँ हमें उनके अद्वितीय व्यक्तित्व, उनकी भक्ति, प्रेम, और जीवन के गहरे अर्थों से परिचित कराती हैं। उनका हर कदम एक गूढ़ संदेश देता है, और हर घटना से हमें जीवन में धर्म, कर्म और सत्य का मार्ग अपनाने की प्रेरणा मिलती है।
तो प्रिय पाठकों, कैसी लगी आपको पोस्ट ,हम आशा करते हैं कि आपकों पोस्ट पसंद आयी होगी। इसी के साथ विदा लेते हैं अगली रोचक, ज्ञानवर्धक जानकारी के साथ विश्वज्ञान मे फिर से मुलाकात होगी ,तब तक के लिय आप अपना ख्याल रखे, हंसते रहिए, मुस्कराते रहिए और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहिए।
धन्यवाद ,हर हर महादेव