हर हर महादेव प्रिय पाठकों, कैसे है आप लोग, हम आशा करते हैं कि आप सभी ठीक होंगे। दोस्तों! आज की इस पोस्ट हम जानेंगे कि कुंडली मे ग्रहण दोष क्या होता है और ग्रहण दोष से बचने के उपाय।
कुंडली में ग्रहण दोष से बचने के उपाय।
कुंडली में ग्रहण दोष से बचने के उपाय |
कुंडली में ग्रहण दोष तब बनता है जब सूर्य या चंद्रमा पर राहु या केतु की दृष्टि या युति होती है। यह दोष जीवन में बाधाएं, मानसिक तनाव और सफलता में रुकावटें पैदा कर सकता है। कुंभ लग्न में इस दोष का प्रभाव व्यक्ति की जन्म कुंडली के ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। यहां ग्रहण दोष से बचने और अच्छे परिणाम पाने के कुछ सामान्य और विशेष उपाय दिए जा रहे हैं-
ग्रहण दोष के सामान्य उपाय
1. सूर्य और चंद्रमा की पूजा
रोज़ सुबह सूर्य को तांबे के लोटे में जल डालकर अर्घ्य दें और ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें।
पूर्णिमा और अमावस्या के दिन चंद्रमा की पूजा करें और ॐ सोमाय नमः मंत्र का जाप करें।
2. गायत्री मंत्र का जाप
नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करें। इससे मानसिक शक्ति बढ़ती है और राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
3. हनुमान जी की पूजा
मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
शनि मंदिर में जाकर तेल चढ़ाएं और गरीबों को दान करें।
4. दान और सेवा
राहु-केतु के दुष्प्रभाव कम करने के लिए सरसों का तेल, काले तिल, कंबल, और उड़द दाल दान करें।
गाय, कौवे, और कुत्ते को भोजन कराएं।
5. ग्रहण दोष निवारण पूजा
किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से सलाह लेकर राहु-केतु शांति पूजा या ग्रहण दोष निवारण यज्ञ कराएं।
ग्रहों के रूठने से होने वाले रोग व उपाय
कुंभ लग्न के लिए विशेष उपाय
1. शनि देव की पूजा
कुंभ लग्न का स्वामी शनि है। शनि को प्रसन्न करने के लिए-
शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं।
ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें।
शनि से संबंधित वस्तुओं का दान करें, जैसे लोहे का सामान और काले कपड़े।
2. राहु और केतु के उपाय
राहु के लिए
राहु मंत्र ॐ रां राहवे नमः का 108 बार जाप करें।
नीले और काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
केतु के लिए
केतु मंत्र "ॐ कें केतवे नमः" का 108 बार जाप करें।
गाय को हरा चारा खिलाएं।
3. चंद्रमा की मजबूती
यदि चंद्रमा पर राहु-केतु का प्रभाव है, तो चंद्रमा को मजबूत करने के लिए-
सोमवार को शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं।
सफेद चंदन, दूध, चावल, और मिश्री का दान करें।
4. नीलम रत्न धारण करना
कुंभ लग्न के लिए, शनि की कृपा पाने हेतु ज्योतिषी से परामर्श करके नीलम रत्न (नीलमणि) धारण कर सकते हैं।
5. रुद्राक्ष धारण करें
राहु के लिए 8 मुखी रुद्राक्ष और केतु के लिए 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
इन्हें धारण करने से पहले सही प्रक्रिया और मंत्रों का पालन करें।
सावधानियां
ग्रहण दोष के प्रभाव को कम करने के लिए शराब, मांसाहार, और गलत संगति से बचें।
हमेशा शुभ कार्यों में भाग लें और सकारात्मक सोच रखें।
किसी ज्योतिषीय उपाय को अपनाने से पहले योग्य ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य लें।
तो प्रिय पाठकों, कैसी लगी आपको पोस्ट ,हम आशा करते हैं कि आपकों पोस्ट पसंद आयी होगी। इसी के साथ विदा लेते हैं अगली रोचक, ज्ञानवर्धक जानकारी के साथ विश्वज्ञान मे फिर से मुलाकात होगी ,तब तक के लिय आप अपना ख्याल रखे, हंसते रहिए, मुस्कराते रहिए और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहिए।
धन्यवाद ,हर हर महादेव
FAQS
कुंडली में ग्रहण दोष क्या होता है?
ग्रहण दोष ज्योतिष में तब बनता है जब सूर्य या चंद्रमा पर राहु या केतु का प्रभाव होता है। यह प्रभाव युति (साथ होने) या दृष्टि (सीधी नज़र) के माध्यम से हो सकता है।
सूर्य ग्रहण दोष - जब सूर्य और राहु या सूर्य और केतु एक ही घर में स्थित होते हैं।
चंद्र ग्रहण दोष - जब चंद्रमा और राहु या चंद्रमा और केतु एक ही घर में स्थित होते हैं।
ग्रहण दोष कब बनता है?
1. सूर्य या चंद्रमा के साथ राहु-केतु की युति-
अगर सूर्य या चंद्रमा राहु या केतु के साथ एक ही राशि या भाव में हों।
2. पूर्णिमा या अमावस्या के समय
जब पूर्णिमा या अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्रमा राहु-केतु की धुरी में आ जाते हैं।
3. गोचर के समय
गोचर में सूर्य या चंद्रमा राहु-केतु के करीब आएं तो अस्थायी रूप से यह दोष बनता है।
कुंडली में ग्रहण योग क्या होता है?
- ग्रहण योग भी ग्रहण दोष के समान ही होता है। इसमें सूर्य या चंद्रमा का राहु या केतु के साथ संबंध होता है।
- यह योग जीवन में मानसिक तनाव, आर्थिक परेशानियां, स्वास्थ्य समस्याएं, और सामाजिक कठिनाइयां ला सकता है।
- यह योग व्यक्ति की मानसिक शांति और निर्णय क्षमता को प्रभावित करता है।
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क्या ग्रहण को अशुभ माना जाता है?
ज्योतिष में ग्रहण को सामान्यतः अशुभ माना जाता है, क्योंकि
- यह सूर्य और चंद्रमा जैसे शुभ ग्रहों की ऊर्जा को कमजोर करता है।
- यह मानसिक और भावनात्मक अस्थिरता का कारण बन सकता है।
- ग्रहण दोष से बनने वाले योग जीवन में बाधाएं और कठिनाइयां ला सकते हैं।
हालांकि, यह पूरी तरह अशुभ नहीं है। यदि अन्य ग्रह मजबूत स्थिति में हैं या विशेष योग बन रहे हैं, तो इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
ग्रहण दोष कैसे दूर करें?
ग्रहण दोष को कम करने और शुभ फल प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं-
1. सूर्य और चंद्रमा को मजबूत करना
- रोज़ सुबह सूर्य को जल चढ़ाएं और ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें।
- सोमवार को शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं और ॐ नमः शिवाय का जाप करें।
2. राहु और केतु के उपाय
राहु के लिए
- ॐ रां राहवे नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
- काले तिल, सरसों का तेल, और काले कपड़े दान करें।
केतु के लिए
- ॐ कें केतवे नमः मंत्र का जाप करें।
- गाय को हरा चारा और कुत्तों को रोटी खिलाएं।
3. हनुमान जी की पूजा
- मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- शनि मंदिर में जाकर सरसों का तेल चढ़ाएं।
4. ग्रहण दोष निवारण यज्ञ
- कुंडली में ग्रहण दोष का प्रभाव कम करने के लिए ग्रहण दोष निवारण यज्ञ करें।
- यह यज्ञ किसी योग्य पंडित की सहायता से कराएं।
5. दान और सेवा
- गरीबों और जरूरतमंदों को कंबल, अन्न, और तांबे के बर्तन दान करें।
- पक्षियों को दाना डालें और गाय को रोटी खिलाएं।
ग्रहण दोष में एनोटेशन त्रुटि को कैसे हल करें?
ज्योतिष में "एनोटेशन त्रुटि" का संदर्भ तकनीकी शब्दावली के रूप में स्पष्ट नहीं है। लेकिन यदि आपका सवाल है कि ग्रहण दोष के कारण जीवन में समस्याओं (जैसे असमंजस, गलत निर्णय, या मानसिक तनाव) को कैसे हल करें, तो ऊपर बताए गए उपायों का पालन करें।
ज्योतिष में ग्रहण दोष का महत्व
ग्रहण दोष को जीवन में बदलाव लाने वाला कारक माना जाता है। यह दोष न केवल व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करने के लिए मजबूर करता है, बल्कि उसे आत्ममूल्यांकन करने और आध्यात्मिक मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित भी करता है।
श्रद्धा और नियमपूर्वक उपाय करने से ग्रहण दोष का प्रभाव कम हो सकता है, और व्यक्ति जीवन में सुख-शांति पा सकता है।