क्या भविष्य मालिका के अनुसार भगवान जगन्नाथ इंग्लैंड जाएंगे

हर हर महादेव! प्रिय पाठकों,कैसे हैं आप? आशा करते हैं कि आप सभी ठीक होंगे। दोस्तों! आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे कि- भविष्य मालिका के अनुसार भगवान जगन्नाथ इंग्लैंड क्यों गए?

क्या भविष्य मालिका के अनुसार भगवान जगन्नाथ इंग्लैंड जाएंगे?

क्या भविष्य मालिका के अनुसार भगवान जगन्नाथ इंग्लैंड जाएंगे
क्या भविष्य मालिका के अनुसार भगवान जगन्नाथ इंग्लैंड जाएंगे


जैसा की आप सभी जानते है कि भविष्य मालिका जिसे अच्युतानंद दास जी ने लिखा था। उसमे लिखी भविष्यवाणियाँ आज सच होती दिखाई दे रही हैं। उसी भविष्यमालिका मे लिखी एक भविष्य वाणी की भगवान जगन्नाथ इंग्लैंड जाएंगे। क्या ये सच है? आज की ये पोस्ट इसी विषय पर है। 

भविष्य मालिका में यह बताया गया है कि एक समय ऐसा आएगा जब भगवान जगन्नाथ, अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ इंग्लैंड जाएंगे। इसका मतलब यह है कि भगवान जगन्नाथ की महिमा और भक्ति भारत से बाहर भी फैलेगी।

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भगवान जगन्नाथ इंग्लैंड क्यों गए?

भविष्य मालिका के अनुसार, जब धर्म कमजोर होगा और लोग भगवान से दूर होंगे, तब भगवान जगन्नाथ भारत से बाहर जाकर अपनी भक्ति का प्रचार करेंगे। इंग्लैंड का ज़िक्र इसलिए किया गया क्योंकि वह एक समय में पश्चिमी देशों का प्रतीक था।

असली अर्थ क्या है?

इसका असली मतलब यह है कि भगवान जगन्नाथ की पूजा और भक्ति केवल भारत तक सीमित नहीं रहेगी। उनकी महिमा पूरी दुनिया में फैलेगी।

आज के समय में, इंग्लैंड और कई अन्य देशों में भगवान जगन्नाथ के मंदिर हैं। लंदन में हर साल रथ यात्रा का आयोजन होता है।

इस्कॉन (ISKCON) जैसे संगठन भी भगवान जगन्नाथ की भक्ति को विदेशों में फैलाने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

भविष्य मालिका में जो कहा गया था, वह सच हो चुका है। भगवान जगन्नाथ की महिमा अब भारत से बाहर भी फैली हुई है, और उनकी पूजा इंग्लैंड समेत कई देशों में होती है। यह इस बात का संकेत है कि भगवान हर जगह हैं और उनकी भक्ति दुनिया में फैलती रहेगी।

तो प्रिय पाठकों, कैसी लगी आपको पोस्ट ,हम आशा करते हैं कि आपकों पोस्ट पसंद आयी होगी। इसी के साथ विदा लेते हैं अगली रोचक, ज्ञानवर्धक जानकारी के साथ विश्वज्ञान मे फिर से मुलाकात होगी ,तब तक के लिय आप अपना ख्याल रखे, हंसते रहिए, मुस्कराते रहिए और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहिए।

धन्यवाद ,हर हर महादेव

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FAQS 

1. भगवान जगन्नाथ इंग्लैंड क्यों गए?

भविष्य मालिका के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की महिमा और भक्ति पूरे विश्व में फैलने के लिए इंग्लैंड गई। इसका अर्थ है कि भगवान की पूजा भारत से बाहर भी होगी।

2. क्या भविष्य मालिका की यह भविष्यवाणी सच हुई है?

हां, आज के समय में इंग्लैंड समेत कई देशों में भगवान जगन्नाथ के मंदिर हैं और उनकी भव्य रथ यात्रा भी आयोजित होती है।

3. क्या इंग्लैंड में भगवान जगन्नाथ का कोई प्रसिद्ध मंदिर है?

हां, इस्कॉन (ISKCON) द्वारा संचालित मंदिर इंग्लैंड में भगवान जगन्नाथ की भक्ति का बड़ा केंद्र हैं।

4. भविष्य मालिका क्या है?

भविष्य मालिका एक प्राचीन ग्रंथ है, जिसे अच्युतानंद दास ने लिखा। इसमें भविष्य की घटनाओं का वर्णन मिलता है।

5. क्या इंग्लैंड में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा होती है?

हाँ, लंदन की सड़कों पर हर साल भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा होती है, जो उनकी भक्ति के वैश्विक प्रसार का प्रतीक है।

6. पुरी जगन्नाथ मंदिर के वैज्ञानिक रहस्य क्या है?

1. पुरी जगन्नाथ मंदिर में कई वैज्ञानिक रहस्य हैं जो इस प्राचीन मंदिर की संरचना और पुजाओं से जुड़े हुए हैं। मंदिर के बनाए जाने के दौरान वास्तुकला और स्थापत्य कला को विज्ञान और गणित के आधार पर डिजाइन किया गया था। यह माना जाता है कि मंदिर की ऊँचाई और अन्य संरचनात्मक पहलू खगोल विज्ञान, जलवायु विज्ञान, और ऊर्जा विज्ञान से संबंधित हैं।

2. भविष्य मलिका- यह पौराणिक ग्रंथ उड़ीसा के संत कबीर, या उनके शिष्य द्वारा रचित माना जाता है। यह ग्रंथ 16 वीं शताब्दी के आसपास लिखा गया था।

7. भविष्य मलिका के अनुसार कलयुग में कितने वर्ष शेष हैं?

भविष्य मलिका के अनुसार, कलयुग का समापन लगभग 4,32,000 वर्षों बाद होगा।

8. वर्तमान में पूरी के राजा कौन हैं?

वर्तमान में जगन्नाथपुरी के शासक या राजा का कोई शास्त्रीय पद नहीं होता। लेकिन, पुरी शहर का प्रशासन केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है। स्थानीय प्रशासन में नगरपालिका प्रमुख और प्रशासनिक अधिकारी होते हैं।

9. जगन्नाथ पुरी का अंत कब होगा?

भविष्य मलिका के अनुसार, जगन्नाथपुरी का अंत तब होगा जब कलयुग का समय समाप्त हो जाएगा। इसके बाद द्वापर, त्रेता और सतयुग जैसी युगों की शुरुआत होगी।

10. जगन्नाथ मंदिर का भविष्य क्या है? भविष्य मलिका के अनुसार क्या होगा?

भविष्य मलिका के अनुसार, जब कलयुग समाप्त होगा, तो जगन्नाथपुरी की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराएं फिर से नए युगों में जीवित रहेंगी। भविष्य में मंदिर की दिव्यता और महत्व बना रहेगा और श्री जगन्नाथजी की पूजा लगातार होती रहेगी।

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