हर हर महादेव प्रिय पाठकों, कैसे हैं आप? आशा करते हैं कि आप स्वस्थ और खुश होंगे। आज की पोस्ट में हम आपको भारत के दक्षिणी छोर पर स्थित कन्याकुमारी के नए आकर्षण ग्लास ब्रिज के बारे में जानकारी देंगे। यह ब्रिज हाल ही में बना है और यह न केवल भारत का पहला ग्लास ब्रिज है, बल्कि अपनी अनोखी बनावट और सुंदरता के कारण पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है।
समुद्र के ऊपर बना यह ग्लास ब्रिज एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है, जहां आप नीचे फैली लहरों को पारदर्शी कांच से देख सकते हैं। इसकी खूबसूरती, आधुनिक तकनीक और प्रकृति का संगम इसे और भी खास बनाता है। चलिए, जानते हैं इस ब्रिज के बारे में और भी रोचक बातें।
कन्याकुमारी ग्लास ब्रिज, भारत का पहला समुद्र पर बना कांच का पुल
कन्याकुमारी ग्लास ब्रिज, भारत का पहला समुद्र पर बना कांच का पुल |
कन्याकुमारी ग्लास ब्रिज भारत का पहला समुद्र पर बना कांच का पुल है, जो तमिलनाडु के कन्याकुमारी में स्थित है। यह पुल विवेकानंद रॉक मेमोरियल और तिरुवल्लुवर प्रतिमा को जोड़ता है, जिससे पर्यटकों को इन दोनों महत्वपूर्ण स्थलों के बीच पैदल चलने की सुविधा मिलती है।
पुल की विशेषताएं
लंबाई और चौड़ाई- यह पुल 77 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा है, जिसमें 2.5 मीटर चौड़ा कांच का फर्श शामिल है।
निर्माण लागत- इस पुल का निर्माण लगभग ₹37 करोड़ की लागत से किया गया है।
आकृति- यह पुल एक बो-स्ट्रींग आर्च के आकार में बनाया गया है, जो इसकी संरचनात्मक सुंदरता को बढ़ाता है।
उद्घाटन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने 30 दिसंबर 2024 को इस पुल का उद्घाटन किया। यह उद्घाटन तिरुवल्लुवर प्रतिमा के अनावरण की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के दौरान किया गया।
महत्व
यह पुल पर्यटकों को समुद्र के ऊपर चलते हुए दोनों स्मारकों तक पहुंचने का अनूठा अनुभव प्रदान करता है, जिससे कन्याकुमारी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
इस पुल के माध्यम से पर्यटक समुद्र के ऊपर चलते हुए दोनों स्मारकों तक पहुंच सकते हैं, जो एक रोमांचक अनुभव प्रदान करता है।
इस पुल के उद्घाटन के साथ, कन्याकुमारी में पर्यटन को एक नई दिशा मिली है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक महत्व को और बढ़ावा देगा।
ग्लास ब्रिज की टिकट कीमत
कन्याकुमारी में समुद्र के ऊपर बने ग्लास ब्रिज की टिकट कीमत के बारे में वर्तमान में सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। यह पुल हाल ही में 30 दिसंबर 2024 को उद्घाटित हुआ है, और टिकट संबंधी विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। सटीक जानकारी के लिए स्थानीय पर्यटन विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से संपर्क करना उचित होगा।
कन्याकुमारी में समुद्र के ऊपर बना भारत का पहला ग्लास ब्रिज एक प्रमुख आकर्षण बन गया है।
तो प्रिय पाठकों, कैसी लगी आपको पोस्ट ,हम आशा करते हैं कि आपकों पोस्ट पसंद आयी होगी। इसी के साथ विदा लेते हैं अगली रोचक, ज्ञानवर्धक जानकारी के साथ विश्वज्ञान मे फिर से मुलाकात होगी ,तब तक के लिय आप अपना ख्याल रखे, हंसते रहिए, मुस्कराते रहिए और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहिए।
धन्यवाद, हर हर महादेव
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FAQs
1. ग्लास ब्रिज की लंबाई और चौड़ाई क्या है?
यह पुल 77 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा है।
2. यह पुल किन स्मारकों को जोड़ता है?
यह विवेकानंद रॉक मेमोरियल और तिरुवल्लुवर प्रतिमा को जोड़ता है।
3. पुल का उद्घाटन कब हुआ था?
इसका उद्घाटन 30 दिसंबर 2024 को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा किया गया था।
4. पुल की निर्माण लागत कितनी थी?
इसका निर्माण ₹37 करोड़ की लागत से किया गया है।
5. क्या यह पुल पर्यटकों के लिए खुला है?
हाँ, यह पुल अब पर्यटकों के लिए खुला है, जो समुद्र के ऊपर चलने का अनोखा अनुभव प्रदान करता है।