शाबर मंत्र की सिद्धि और उसकी विधि – संपूर्ण जानकारी

शाबर मंत्र की सिद्धि और उसकी विधि – संपूर्ण जानकारी

शाबर मंत्र की सिद्धि और उसकी विधि – संपूर्ण जानकारी
शाबर मंत्र की सिद्धि और उसकी विधि – संपूर्ण जानकारी


जय श्री कृष्ण प्रिय पाठकों!

कैसे हैं आप? आशा करते हैं कि आप स्वस्थ और सुरक्षित होंगे। आज हम आपको शाबर मंत्र की सिद्धि और उसकी विधि के बारे में विस्तार से बताएंगे। यदि आप शाबर मंत्रों के बारे में गहराई से जानना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक पढ़ें।

शाबर मंत्र क्या होता है?

शाबर मंत्र प्राचीन तांत्रिक मंत्रों का एक रूप है, जो साधारण भाषा में होते हैं और शीघ्र प्रभाव दिखाते हैं। इन्हें सिद्ध करने की प्रक्रिया अन्य संस्कृत मंत्रों की तुलना में सरल मानी जाती है। शाबर मंत्रों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये आम बोलचाल की भाषा में होते हैं, जिससे इन्हें साधारण व्यक्ति भी आसानी से पढ़ सकता है।

शाबर मंत्र को सिद्ध कैसे करें?

शाबर मंत्र को सिद्ध करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों और विधियों का पालन करना आवश्यक होता है। आइए जानते हैं शाबर मंत्र सिद्धि की विधि-

1. सही मंत्र का चयन करें

सबसे पहले यह तय करें कि आप किस कार्य के लिए शाबर मंत्र सिद्ध करना चाहते हैं।

हर मंत्र की अलग-अलग ऊर्जा और प्रभाव होता है, इसलिए सही मंत्र का चयन आवश्यक है।

कुछ प्रसिद्ध शाबर मंत्र हैं – संकट नाशक मंत्र, वशीकरण मंत्र, सुरक्षा मंत्र, धन प्राप्ति मंत्र, रोग नाशक मंत्र आदि।

2. शुभ मुहूर्त का चयन करें

शाबर मंत्र सिद्धि के लिए अमावस्या, पूर्णिमा, ग्रहण, नवरात्रि, दीपावली, या किसी विशेष तिथि का चयन करना लाभकारी होता है।

रात्रि के समय यह साधना अधिक प्रभावी होती है।

3. साधना स्थल और आसन का चुनाव

किसी शांत, पवित्र और एकांत स्थान का चयन करें।

काले या लाल रंग के आसन पर बैठें और उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख रखें।

4. नियम और ब्रह्मचर्य का पालन करें

मंत्र सिद्धि के दौरान सात्विक भोजन करें और सात्विक जीवनशैली अपनाएँ।

साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन करें और मानसिक शुद्धि बनाए रखें।

5. जप संख्या और नियम

शाबर मंत्र को 11,000, 21,000 या 1,25,000 बार जप कर सिद्ध किया जाता है।

जप के लिए रुद्राक्ष या मूंगा माला का प्रयोग करें।

संध्या समय या मध्यरात्रि में जप करने से जल्दी सिद्धि प्राप्त होती है।

6. हवन और तर्पण करें

जब मंत्र की निर्धारित संख्या पूरी हो जाए, तो गाय के घी से 108 बार हवन करें।

हवन में काले तिल, गुड़, चावल, और बेलपत्र चढ़ाने से शक्ति बढ़ती है।

7. सिद्धि की पहचान

जब मंत्र सिद्ध हो जाता है, तो साधक को किसी संकेत या स्वप्न में कोई दिव्य अनुभव होता है।

मंत्र पढ़ते ही तुरंत प्रभाव दिखने लगता है, जैसे मानसिक शक्ति में वृद्धि या कोई समस्या का हल।

शाबर मंत्र सिद्धि में सावधानियाँ

किसी योग्य गुरु से मार्गदर्शन लेकर ही मंत्र सिद्ध करें।

गलत भावना से किए गए प्रयोग का दुष्प्रभाव भी हो सकता है।

यदि किसी भी प्रकार की बाधा आए, तो हनुमानजी या शिवजी की पूजा करें।

मंत्र सिद्ध होने के बाद, इसका उपयोग हमेशा धार्मिक और सकारात्मक कार्यों के लिए करें।

शिवरात्रि में मंत्र सिद्धि: क्या कोई भी मंत्र सिद्ध कर सकता है?

शाबर मंत्र से जुड़े प्रश्न और उत्तर (FAQs)

1. क्या शाबर मंत्र सिद्ध करना कठिन है?

नहीं, यदि सही विधि से साधना की जाए, तो यह तुलनात्मक रूप से आसान होता है।

2. शाबर मंत्र कितने दिनों में सिद्ध हो सकता है?

यह मंत्र की जटिलता और जप की संख्या पर निर्भर करता है। सामान्यतः 7 से 40 दिनों में सिद्धि प्राप्त हो सकती है।

3. क्या शाबर मंत्र बिना गुरु के सिद्ध किया जा सकता है?

कई शाबर मंत्रों को बिना गुरु के भी सिद्ध किया जा सकता है, लेकिन कुछ शक्तिशाली मंत्रों के लिए गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक होता है।

4. यदि मंत्र सिद्ध न हो तो क्या करें?

अगर मंत्र सिद्ध न हो रहा हो, तो

किसी योग्य गुरु से परामर्श लें।

साधना में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए हनुमान चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

अपने संकल्प और श्रद्धा को मजबूत करें।

संक्षेप में 

शाबर मंत्र एक शक्तिशाली तांत्रिक विधि है, जिसे सही साधना से सिद्ध किया जा सकता है। यदि आप इसे पूरी श्रद्धा, नियम और विधि के अनुसार करेंगे, तो यह बहुत प्रभावी सिद्ध होगा। लेकिन इसका उपयोग हमेशा धर्म और लोक-कल्याण के लिए ही करें।

आपको यह जानकारी कैसी लगी? यदि आपका कोई सवाल है, तो कमेंट में जरूर पूछें!

धन्यवाद!

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