क्या लाभ होता है जब हम घर पर गायत्री मंत्र का जप या यज्ञ करवाते हैं?
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घर पर शांतिपूर्वक किया गया गायत्री मंत्र यज्ञ परिवार के लिए सकारात्मक ऊर्जा और बुद्धि का स्रोत बनता है। |
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आज हम बात करेंगे गायत्री मंत्र की शक्ति की — और विशेष रूप से, जब हम इसे घर पर करवाते हैं, तो हमारे जीवन में क्या बदलाव आता है? तो आइये सबसे पहले जानते हैं कि गायत्री मंत्र क्या है?
गायत्री मंत्र क्या है?
गायत्री मंत्र एक अत्यंत पवित्र वैदिक मंत्र है, जो ऋग्वेद से लिया गया है।
ॐ भूर् भुवः स्वः
तत् सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्।
इस मंत्र के उच्चारण से बुद्धि की शुद्धि होती है और आत्मा का तेज बढ़ता है।
घर पर गायत्री मंत्र करवाने के लाभ
1. बुद्धि और विवेक में वृद्धि
परिवार के सदस्यों को सही निर्णय लेने की शक्ति मिलती है।
2. नेगेटिविटी दूर होती है
मंत्र की ध्वनि से घर की नकारात्मक ऊर्जा हटती है।
3. स्वास्थ्य में सुधार
मानसिक शांति से तनाव कम होता है, जिससे नींद और पाचन अच्छा रहता है।
4. बच्चों की पढ़ाई में लाभ
यह मंत्र छात्रों के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है।
5. शुद्ध और सकारात्मक वातावरण
मंत्रोच्चारण, दीपक, धूप से घर मंदिर जैसा अनुभव देता है।
6. आध्यात्मिक उन्नति
यह मंत्र आत्मा को परमात्मा से जोड़ने वाला पुल है।
कब और कैसे करवाना चाहिए?
सुबह या शाम को गायत्री मंत्र यज्ञ करवाना शुभ होता है।
पंडित के साथ या परिवार स्वयं भी नियम से कर सकता है।
रोजाना सिर्फ 11 बार जप भी बहुत प्रभावी होता है।
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FAQs:
क्या बिना पंडित के हम गायत्री मंत्र कर सकते हैं?
हाँ, अगर श्रद्धा और नियम हो तो परिवार स्वयं भी कर सकता है।
बच्चों को कब से गायत्री मंत्र सिखाना चाहिए?
7 वर्ष से ऊपर के बच्चों को धीरे-धीरे सिखाना शुभ होता है।
क्या महिलाएं गायत्री मंत्र जप सकती हैं?
हाँ, महिलाएं भी पूर्ण श्रद्धा से इस मंत्र का जप कर सकती हैं।
क्या गायत्री मंत्र का उच्चारण गलत करने से दोष लगता है?
अगर भावना शुद्ध हो तो थोड़ा गलत उच्चारण भी क्षम्य है। लेकिन सही उच्चारण सीखना अच्छा होता है।
क्या रोज़ाना गायत्री मंत्र जपना संभव है?
हाँ, रोज़ाना 11, 21, या 108 बार जपना संभव और बहुत लाभकारी है। यह दिनचर्या को भी नियमित बनाता है।
क्या गायत्री मंत्र से वास्तु दोष भी दूर होता है?
गायत्री मंत्र का कंपन घर के वातावरण को शुद्ध करता है, जिससे वास्तु दोष भी कम हो सकते हैं।
क्या यह केवल ब्राह्मणों के लिए है?
नहीं, यह मंत्र सभी जातियों, लिंग और आयु के लिए खुला है। यह सभी के कल्याण का मंत्र है।
गायत्री मंत्र और महा मृत्युंजय मंत्र में क्या अंतर है?
गायत्री मंत्र बुद्धि, तेज और शुद्ध विचारों के लिए है, जबकि महा मृत्युंजय मंत्र स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए। दोनों अत्यंत शक्तिशाली हैं।
तो प्रिय पाठकों, कैसी लगी आपको पोस्ट। आशा करते हैं कि अच्छी-लगी होगी ।इसी के साथ विदा लेते हैं। अगली पोस्ट के साथ विश्वज्ञान मे फिर से मुलाकात होगी। तब तक के लिय आप अपना ख्याल रखें, हंसते रहिए, मुस्कराते रहिए और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहिए।
धन्यवाद ,हर हर महादेव
आपका अपना, My Vishvagyaan परिवार