जय श्री महा मृत्युंजय शिव शंकर!
प्रिय पाठकों,
कैसे है आप लोग, आशा करते हैं कि आप ठीक होंगे, स्वस्थ होंगे।
दोस्तों! स्वागत है आपका My Vishvagyaan ब्लॉग पर — जहाँ हम धर्म, मंत्र, योग और अध्यात्म से जुड़े गहरे रहस्यों को सरल भाषा में साझा करते हैं। आज का विषय है एक ऐसा मंत्र जिसे 'संजीवनी मंत्र' भी कहा जाता है और महा मृत्युंजय मंत्र।
क्या महा मृत्युंजय मंत्र वास्तव में असर करता है?
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भगवान शिव की दिव्य छवि के सामने ध्यानमग्न व्यक्ति, रुद्राक्ष की माला के साथ मंत्र जप करता हुआ, पीछे त्रिशूल और चंद्रमा की आभा। |
परिचय
महा मृत्युंजय मंत्र हिंदू धर्म का एक अत्यंत शक्तिशाली और पूज्य मंत्र है। यह भगवान शिव को समर्पित है और इसे "मृत्यु को जीतने वाला मंत्र" भी कहा जाता है। लेकिन आज के युग में सवाल उठता है – क्या यह मंत्र सच में काम करता है? आइए जानते हैं इसके पीछे की श्रद्धा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और अनुभव।
महा मृत्युंजय मंत्र क्या है?
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
यह मंत्र ऋषि वशिष्ठ और मुनि मार्कंडेय से जुड़ा हुआ है। इसे संजीवनी मंत्र इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह मृत्यु के भय से रक्षा करता है और जीवन शक्ति को बढ़ाता है।
यह मंत्र कब और कैसे काम करता है?
जब इसे नियमपूर्वक, सच्चे मन और श्रद्धा से जपा जाए।
खासकर सोमवार, महा शिवरात्रि, या किसी बीमारी, संकट या अनहोनी की आशंका के समय यह मंत्र बड़ा प्रभावशाली होता है।
जल या रुद्राक्ष की माला से 108 बार जप करना शुभ माना जाता है।
महा मृत्युंजय मंत्र के लाभ
1. आयु वृद्धि व रोगों से रक्षा
यह मंत्र जीवन शक्ति को बढ़ाता है, रोगों को दूर करता है और स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
2. आकस्मिक मृत्यु से सुरक्षा
इसे जपने से दुर्घटनाओं और असमय मृत्यु का भय कम होता है।
3. मानसिक शांति और डर पर नियंत्रण
यह मंत्र भय, चिंता, अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं से मुक्ति दिलाता है।
4. आध्यात्मिक उन्नति
नियमित जप से आत्मा को शांति और ईश्वर से जुड़ाव मिलता है।
क्या विज्ञान भी मानता है इसका प्रभाव?
हालांकि वैज्ञानिक रूप से मंत्रों के प्रभाव को पूरी तरह मापा नहीं जा सकता, लेकिन ध्वनि कंपन (sound vibrations) और माइंडफुल रिपिटिशन से मिलने वाली तनाव मुक्ति और मानसिक शांति को वैज्ञानिक भी मानते हैं। यानी के-
इस मंत्र की ध्वनि तरंगें (sound vibrations) मन और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
इससे तनाव कम होता है, रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है और मन शांत होता है।
इस मंत्र का असर किसने देखा?
मार्कंडेय ऋषि को यमराज से जीवनदान मिला।
कई साधु-संतों और रोगियों ने इसके प्रभाव से मृत्यु के संकट से मुक्ति पाई है।
इसका जाप कैसे करें? (स्टेप बाय स्टेप)
1. सुबह स्नान करके साफ वस्त्र पहनें।
2. शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति के सामने आसन लगाएं।
3. दीपक जलाएं, जल चढ़ाएं।
4. रुद्राक्ष माला से मंत्र का जाप करें (कम से कम 108 बार)।
5. मंत्र जप के बाद भगवान शिव से प्रार्थना करें।
6. चाहें तो शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए भी मंत्र का जाप कर सकते हैं।
संक्षिप्त जानकारी
महा मृत्युंजय मंत्र केवल एक धार्मिक मंत्र नहीं है, यह एक ऊर्जा स्त्रोत है जो जीवन के संकटों से रक्षा करता है।
महा मृत्युंजय मंत्र तब काम करता है, जब उसमें श्रद्धा, नियम और विश्वास जुड़ते हैं। यह केवल शब्द नहीं, बल्कि भगवान शिव की कृपा को पाने का माध्यम है। लाखों लोगों ने इसके चमत्कारी परिणाम अनुभव किए हैं।
अगर आप श्रद्धा और नियम से इसका जप करें, तो आप भी इसके चमत्कारिक प्रभाव महसूस कर पाएंगे और देख पाएंगे।
तो प्रिय पाठकों, कैसी लगी आपको पोस्ट। आशा करते हैं कि अच्छी-लगी होगी ।इसी के साथ विदा लेते हैं। अगली पोस्ट के साथ विश्वज्ञान मे फिर से मुलाकात होगी। तब तक के लिय आप अपना ख्याल रखें, हंसते रहिए, मुस्कराते रहिए और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहिए।
धन्यवाद
हर हर महादेव!
आपका अपना, My Vishvagyaan परिवार