सिद्ध कुंजिका स्तोत्र: एक शक्तिशाली स्तुति

जय माता दी प्रिय पाठकों, कैसे है आप लोग, हम आशा करते हैं कि आप सभी ठीक होंगे। दोस्तों! आज की इस पोस्ट हम माँ दुर्गा के एक बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के बारे में जानेंगे। य़ह बहुत ही दिव्य स्तोत्र है। आइए इस स्तोत्र के बारे मे विस्तार से जाने। 

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र: एक शक्तिशाली स्तुति


सिद्ध कुंजिका स्तोत्र: एक शक्तिशाली स्तुति
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र: एक शक्तिशाली स्तुति


सिद्ध कुंजिका स्तोत्र, माँ दुर्गा के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और शक्तिशाली स्तोत्र है। यह दुर्गा सप्तशती के पाठ से संबंधित है और इसे सार या मूल रूप माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति दुर्गा सप्तशती का पूर्ण पाठ नहीं कर सकता, तो केवल सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से भी माँ भगवती प्रसन्न हो जाती हैं।  

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का महत्व

सार रूप - दुर्गा सप्तशती का सार इस स्तोत्र में समाहित है।  

सरलता - इसमें मंत्रों की तुलना में कम श्लोक होते हैं, जिससे इसे पढ़ना और समझना आसान है।  

दिव्य शक्ति - यह स्तोत्र साधक को विशेष आध्यात्मिक शक्ति और सिद्धि प्रदान करता है।  

सभी बाधाओं का समाधान - इसका पाठ करने से जीवन की समस्याएँ, जैसे शत्रु बाधा, भय, रोग, और नकारात्मक ऊर्जा, समाप्त होती हैं।  

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कैसे करें? 

1. माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर ध्यान करें।  

2. आसन और स्थान पवित्र हो।  

3. पाठ से पहले भगवती दुर्गा का ध्यान करें और अपनी समस्याओं को माँ के चरणों में समर्पित करें।  

4. ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे बीज मंत्र का स्मरण करें।  

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ

नीचे सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का मुख्य पाठ दिया गया है:  

शिव उवाच

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्। येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः भवेत्।।1।।

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्। न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम् ।।2।।

कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्। अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम्।।3।।

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति । मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।

पाठमात्रेण संसिद्ध येत् कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।।4।।

अथ मंत्र :-

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हूं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।"

।। इति मंत्रः ।।

नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।

नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिन ।।1।।

नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिन।।2।।

जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे। ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ।।3।।

क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते। चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी।।4।।

विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मंत्ररूपिण।।5।।

धां धीं धू धूर्जटेः पत्नी वां वीं दूं वागधीश्वरी। क्रां क्रीं क्रू कालिका देविशां शीं शृं मे शुभं कुरु ।।6।।

हूं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी। भ्रां भ्रीं भ्रं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः ।।7।।

अंकंचं टं तं पंयंशं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।। पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा।। ৪।।

सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे ।।

इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे।

अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ।। यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्। न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।।

। इतिश्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वती संवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम्।

SHIVA MAHIMNA STOTRAM| शिव महिम्न: स्तोत्रम् । (सरल हिंदी )

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

शत्रुओं का नाश - स्तोत्र का नियमित पाठ शत्रुओं से रक्षा करता है। 

आध्यात्मिक उन्नति - साधक के भीतर आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।  

मनोकामनाएँ पूर्ण - सच्चे भाव से पाठ करने पर इच्छाएँ पूरी होती हैं।  

भय और बाधाओं का नाश - जीवन में आने वाले हर प्रकार के भय और बाधाओं को दूर करता है।  

विशेष सावधानियाँ

इस स्तोत्र को श्रद्धा और नियमपूर्वक पढ़ें।  

इसे गुप्त और पवित्र माना जाता है, इसलिए केवल योग्य और सच्चे भक्तों को ही इसका पाठ करना चाहिए।  

इसका दुरुपयोग या अपवित्र स्थान पर पाठ न करें।  

संक्षेप में 

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र भक्तों के लिए एक अमूल्य रत्न है। यह माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का सरल और प्रभावशाली माध्यम है। यदि आप माँ दुर्गा के अनुग्रह को अपने जीवन में अनुभव करना चाहते हैं, तो इस स्तोत्र का नित्य पाठ करें। माँ भगवती आपकी हर समस्या का समाधान अवश्य करेंगी।  

श्री शिव प्रातः स्मरण स्तोत्रम् 

तो प्रिय पाठकों, कैसी लगी आपको पोस्ट ,हम आशा करते हैं कि आपकों पोस्ट पसंद आयी होगी। इसी के साथ विदा लेते हैं अगली रोचक, ज्ञानवर्धक जानकारी के साथ विश्वज्ञान मे फिर से मुलाकात होगी ,तब तक के लिय आप अपना ख्याल रखे, हंसते रहिए, मुस्कराते रहिए और औरों को भी खुशियाँ बांटते रहिए।

धन्यवाद 

जय माता दी!

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